श्रीनिवृत्तीनाथ नामावली

Ringan

त्र्यंबकेश्वरच्या निवृत्तीनाथ मंदिरात राहून अभ्यास करत असताना हभप जगन्नाथबुवा पवार यांनी १९७५ साली श्रीनिवृत्तीनाथ नामावली तयार केली. माउलींनी ज्ञानेश्वरीत निवृत्तीनाथांविषयी वापरलेल्या १०८ संबोधनांचं हे संकलन आहे.

१. श्रीनिवृत्तये नमः

२. श्रीगुरवे नमः

३. सद्गुरवे नमः

४. श्री मते नमः

५. सुखामृताय नमः

६. प्रभवे नमः

७. सर्वज्ञाय नम:

८. महेश मूर्तये नम:

९. भवादृशे नम:

१०. गुरवे नम:

११. विशबोधविदग्धाय नम:

१२. विद्यारविन्दप्रबोधाय नम:

१३. पराप्रमेयप्रमदाविलासिने नम:

१४. संसार तमसूर्याय नम:

१५. अपरिमितपरमविर्याय नम:

१६. तरुणतरतुर्यालालनलीलाय नम:

१७. जगदखिलपालनाय नम:

१८. मंगलमणिनिधानाय नम:

१९. सज्जनवनचंदनाय नम:

२०. आराध्यलिंगाय नम:

२१. चतुर चित्तचकोरचंद्राय नम:

२२. आत्मानुभवनरेंद्राय नम:

२३. श्रुतिसागरसमुद्राय नम:

२४. मन्मथमन्मथाय नम:

२५. सुभावभजनभाजनाय नम:

२६. भवेमकुंभभंजनाय नम:

२७. विश्वोद्भवभुवनाय नम:

२८. श्री गुरुराया नम: श्री गुरुराज्ञे नम:

२९. शुद्धाय नम:

३०. उदाराय नम:

३१. अनवरता नंदवर्षत्यै नम:

३२. प्रसादरसकल्लोलाय नम:

३३. अम्बायै नम:

३४. श्री मत्यै नम:

३५. निजजनकल्पलतायै नम:

३६. मात्रे नम:

३७. मायायै नम:

३८. निवृत्ति देवाय नम:

३९. स्वामिने नम:

४०. सकलविद्याधिकरणाय नम:

४१. आचार्याय नम:

४२. समस्तसुरवर्याय नम:

४३. प्रज्ञाप्रभातसूर्याय नम:

४४. सुखोदयाय नम:

४५. सोहंभावसुहाविने नम:

४६. नानालोकहेलाविने नम:

४७. समुद्राय नम:

४८. अद्वयाब्जिनीविकासाय नम:

४९. निरंतरकारुण्यसिंधवे नम:

५०. विशदविद्यावधूवल्लभाय नम:

५१. लाघविने नम:

५२. स्नेहलशिरोमणये नम:

५३. विश्वै कधाम्ने नम:

५४. श्रियै नम:

५५. श्री गुरुराजाय नम:

५६. परमदेवताय नम:

५७. सते नम:

५८. विश्वात्मकाय नम:

५९. श्रीनिवृत्तिराजाय नम:

६०. चंडांशवे नम:

६१. अद्वयाब्जिनीविकासाय नम:

६२.  चिद् गगनभवनदीपाय नम:

६३. निजधामव्योमराजाय नम:

६४. ज्ञानमार्तंडाय नम:

६५. चित्सुर्याय नम:

६६. गणेंद्राय नम:

६७. वक्रतुंडाय नम:

६८. मौनाय नम:

६९. निर्मलाय नम:

७०. निजजनाखिलमङ्लाय नम:

७१. जन्मजराजलदजालप्रभंजनाय नम:

७२. देवाय नम:

७३. प्रबलाय नम:

७४. विदलितामङ्लकुलाय नम:

७५. निगमागमद्रुमफलाय नम:

७६. फलप्रदाय नम:

७७. सकलाय नम:

७८. विगतविषयवत्सलाय नम:

७९. कलितकालकौतुहलाय नम:

८०. कलातीताय नम:

८१. निश्चलाय नम:

८२. चलितचित्तपानतुंदिलाय नम:

८३. जगदुन्मीलनाविरलकेलिप्रियाय नम:

८४. निष्कलाय नम:

८५. स्फुरदमन्दानन्दबहलाय नम:

८६. नित्यनिरस्ताखिलमलाय नम:

८७. मूलभूताय नम:

८८. स्वप्रभाय नम:

८९. जगदंबुदगर्भनभसे नम:

९०. भुवनोदभवारंमस्तंभाय नम:

९१. भवध्वंसिने नम: भवध्वंसास नम:

९२. विशुद्धाय नम:

९३. विद्योद्यानद्विरदाय नम:

९४. शमदममदनमदभेदाय नम:

९५. दयार्णवाय नम:

९६. देवैकरूपाय नम:

९७. अतिकृतकंदर्पसर्पदर्पाय नम:

९८. भक्तभावभवनदीपाय नम:

९९. तापापहाय नम:

१००. अद्वितीयाय नम:

१०१. परिणतोपरमैकप्रियाय नम:

१०२. निजजनजिताय नम:

१०३. भजनीयाय नम:

१०४. मायागम्याय नम:

१०५. अकल्पनाख्यकल्पतरवे नम:

१०६. स्वसविद् द्रुमबीजप्ररोहणावन्यै नम:

१०७. निर्विशेषाय नम:

१०८. श्रीगुरुमूर्तये नम:

१०९. सर्वोपकारिणे नम:

११०. समर्थाय नम:

१११. श्रीनिवृत्तिनाथाय नम:

इति श्रीनिवृत्तिनाथ नामावलि:

0 Shares
निवृत्ती तटाके निघालो आम्ही न करावा शिष्य